लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पार्टी कार्यकर्ताओं से कहते रहते थे कि इस बार जीते तो 50 साल तक हारेंगे नहीं. यह कोई शिगूफा या जुमला नहीं है. पूरे देश में 2019 के चुनावों में जाति की दीवारों को तोड़कर तकरीबन 50 फीसदी वोट पाने के बाद अब बीजेपी और संघ अगले मिशन में लग गए हैं. संघ और बीजेपी दोनों का मानना है कि 2019 के चुनावों में देश के दलित वोटों में सेंधमारी में वे कामयाब हए हैं. अब मंशा ये है कि देश में प्रबुद्ध कार्यकर्ता तैयार किया जाए और जबरदस्त वोट बैंक बनाया जाए. देश में दलितों का राष्ट्रीय स्तर पर कोई एक नेता नहीं है और जो हैं उनका जनाधार अब खिसक रहा है. ऐसे में एक हजार दलित वोटरों पर संघ या बीजेपी का एक प्रबुद्ध कार्यकर्ता लगाया जा रहा है. ऐसे हर कार्यकर्ता का काम एक हजार दलित वोटरों को देखना है. उसके लिए उसका हिन्दुस्तान सिर्फ उसके एक हजार दलित वोटर हैं. बीजेपी के कार्यकर्ता एक हजार दलितों के बीच में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं. विधानसभा चुनावों के दौरान ये काम भी ...